संभल हिंसा; जेलर व डिप्टी जेलर के बाद जेल अधीक्षक भी निलंबित, सपा नेताओं को जेल में बंद आरोपियों से मिलवाया था
Moradabad jail superintendent PP Singh also suspended
लखनऊ। Moradabad jail superintendent PP Singh also suspended: प्रदेश सरकार ने मुरादाबाद जेल में संभल हिंसा के आरोपितों से सपा नेताओं की नियम विरुद्ध मुलाकात कराने के मामले में जेल अधीक्षक पीपी सिंह को भी निलंबित कर दिया है। उन्हें कारागार मुख्यालय से संबद्ध किया गया है।
डीआइजी जेल कुंतल किशाेर की जांच में जेल अधीक्षक के अलावा जेलर व डिप्टी जेलर भी दोषी पाए गए थे। जेल अधीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने बताया कि मामले में लापरवाही के दोषी जेल अधीक्षक को निलंबित कर अनुशासनिक कार्यवाही का आदेश दिया गया है।
जेलर विक्रम सिंह यादव व डिप्टी जेलर प्रवीण भी निलंबित
मुरादाबाद जिला कारागार के जेलर विक्रम सिंह यादव व डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह को चार दिसंबर को निलंबित कर दिया गया था। अब तीनों अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच शुरू की गई है। संभल में हुई हिंसा के आरोपितों को मुरादाबाद जेल में निरुद्ध किया गया है।
दो दिसंबर को सपा के पूर्व सांसद डा.एसटी हसन, विधायक नवाबजान व चौधरी समरपाल सिंह अन्य लोगों के साथ मुरादाबाद जेल पहुंचे थे। जहां उनकी संभल हिंसा के आरोपितों से नियम विरुद्ध मुलाकात कराई गई। मुलाकात करने वालों में कुछ आरोपितों के स्वजन भी शामिल थे। जबकि कुछ लोग खुद को स्वजन होने का दावा कर भीतर चले गए थे। जेल में सपा नेताओं की नियम विरुद्ध आरोपितों से मुलाकात कराए जाने का मामला संज्ञान में आने पर डीजी जेल के निर्देश पर डीआइजी ने मामले की जांच की थी।
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की बढ़ी मुश्किलें
समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर लगातार कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद अन्य लोगों के साथ संभल से सपा सांसद और उनके पिता के खिलाफ भी हिंसा भड़काने के आरोप में प्राथमिक की दर्ज कराई गई थी। अब उनके दीपा सराय में बन रहे मकान को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है इस क्रम में पहले उन्हें नोटिस दिया गया है।
जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किए जाने के बाद 19 नवंबर को मस्जिद में हुए सर्वे के दौरान सपा सांसद मौके पर पहुंच गए थे। पुलिस द्वारा समझाकर सर्वे कराया गया था। इसके बाद उनके द्वारा भड़काऊ बयान जारी किए जाने के आरोप में पुलिस ने 24 नवंबर को भड़की हिंसा में सांसद का नाम जोड़ा था।
प्रशासन ने जारी किया नोटिस
यही नहीं उनके पिता के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर दिया गया था। अब 5 नवंबर को जिला प्रशासन की ओर से उन्हें नोटिस जारी किया गया है, जिसमें 12 नवंबर को उन्हें विनियमित क्षेत्र के कार्यालय में स्वयं या प्रतिनिधि को पेश करने के लिए कहा गया है।